जब भी वायरस अटैक होता है
तब मेरा एंटी-वायरस है धारा!
जब भी मेरा दिल को कोई चाहता है
मेरा दिल बोलता है धारा
सुबह उठके, भगवान का प्रार्थना होने के बाद,
धारा का प्रार्थना करुँगी की;
वो मेरी ज़िन्दगी में और हमेश हमेश केलिए;
साथ सफर निभाने और पूरी करने में
वो मेरी साथ देगी धारा!!
जब मुझे सास लेने का तकलीफ होता है
तब मेरा Oxygen है धारा!
क्यूंकि उसका मुस्कुरावत ख़ूबसूरत चेहरा देखते ही,
दरके भाग्जाथा है Ventilator!!
खरगोश और कछुआ - पंचतंत्र
6 days ago


4 comments:
Kya poem hai re!! nice ha
Thanks a Lot!!
hahhhahahah... cute one!
hmm...thanks..very funny poem..my classmates were surprised to listen to this poem :).....
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